ये कहने वाले ख़ुद ही क्यो नही प्रशिक्षण लेते? क्या मिलेगा आत्मघाती हमले से ? किसको मारना है उस हमले से? हिंदुत्व का ढोंग करने वाले ये लोग आख़िर चाहते क्या हैं? पहले उत्तर भारतीयों को महारास्त्र से निकालने की कवायत जो साफ़ उलंघन है संविधान का की कोई भी भारतीय भारत के किसी भी कोने में कोई भी कार्य कर सकता है, रह सकता है; उसका उलंघन करते हुए ये चंद गुंडे आज भी उनके विरूद्ध है और सरकार खामोश है।
इंडिया गेट पर इनको जो भी जोड़ा दिखाई दिया उनका मुँह काला करके पिटाई की गई। इनके आतंक के खौफ से लोग घरों से निकलना छोड़ दें? किसने दिया उन गुंडों को ऐसा करने का अधिकार?
उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले ये लोग ख़ुद को हिन्दू कहते हैं ... लाज आनी चाहिए इनको। धर्म के नाम पे देश को बांटने वालो के ख़िलाफ़ क्यों कोई कड़ी कार्यवाही नहीं होती? धर्म के नाम पर उग्रवाद को बढ़ावा देने वालो को दंड क्यों नहीं मिलता? क्यों इन उग्रवादियों को बार बार चुनावों में खड़ा होने दिया जाता है? और सबसे अहम सवाल ... क्यों ये बार बार जीत भी जाते हैं?
Friday, June 20, 2008
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